तुमको देखा तो यह ख़्याल आया

तुमको देखा तो यह ख़्याल आया की कल रात को मैंने इतना क्यों खाया
तू मेरे दिल में ऐसे समाई है
जैसे बाजरे के खेत में भैंस घुस आई है

तेरी ज़ुल्फ़ें हैं या घाना अँधेरा
कटवा दे बाल , और कर दे सवेरा

जूस पीने का मज़ा कप में नहीं , ग्लास में होता है
ग्रीटिंग कार्ड देने का मज़ा घरवाली को नहीं , साली को होता है

वो लड़ाई ही क्या जिस में दो चार गालियाँ न हो
और वो ससुराल ही क्या जहाँ कोई सालियां न हो

मजनू लैला के बाल पकड़ के बोला
मोया कितने दिन से सर नहीं धोया

जाईये आप कहाँ जायेंगे
हम ख़ुद आपको छोड़ आएंगे

खुश रहे तू सदा यह दुआ है मेरी
तेरी प्रेमिका ही बन जाए भाभी तेरी

हम आपके दिल में रहते है
और भाडा भी नहीं देते है


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Why INDIA is in trouble….. ……… …….. ….. Population: 114 cro

Why INDIA is in trouble….. ……… …….. ….. Population: 114 cro


11 crore retired


30 crore in state Govt;
17 crore in central Govt.

(Both categories don’t work)

1 crore IT professional

(don’t work for India )
27 crore in school


9 crore are under 5 years


17 crore unemployed


1.2 crore u can find anytime in hospitals


Statistics says u find 79,99,998 people anytime in jail

The Balance two are U & Me.

U
are busy ” checking Mails /sending fwds.. “..!!



HOW CAN I HANDLE INDIA alone?

Aiyyyyo….. .

Live! Love!! Laugh!!!

ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो ♥

ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो ♥
ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो,
भले छीन लो मुझसे USA का विसा
मगर मुझको लौटा दो वो क्वालेज का कन्टीन,
वो चाय का पानी, वो तीखा समोसा……….

कडी धूप मे अपने घर से निकलना,
वो प्रोजेक्ट की खातीर शहर भर भटकना,
वो लेक्चर मे दोस्तों की प्रोक्झी लगाना,
वो सर को चीढाना ,वो एरोप्लेन उडाना,
वो सबमीशन की रातों को जागना जगाना,
वो ओरल्स की कहानी, वो प्रक्टीकल का किस्सा…..
बीमारी का कारण दे के टाईम बढाना,

वो दुसरों के Assignments को अपना बनाना,
वो सेमीनार के दिन पैरो का छटपटाना,
वो WorkShop मे दिन रात पसीना बहाना,

वो Exam के दिन का बेचैन माहौल,
पर वो मा का विश्वास – टीचर का भरोसा…..
वो पेडो के नीचे गप्पे लडाना,
वो रातों मे Assignments Sheets बनाना,

वो Exams के आखरी दिन Theater मे जाना,
वो भो=A

कहानी, चुटकुल, हिंदी में प्रकाशित किया गया. टैग: , , , , , , , , , . Leave a Comment »

keep smiling and be happy

Always  keep smiling and be happy.Life is too small to complain .
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U have your Own definition of Love?
Then
Plzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzz

Share with me…
–>Waiting  4 u<–
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Enjoy Every Moment
webmsony

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webmsony

Hansa and Praful ki class

d ECIDE
Hansa : Praful “Decide” matlab ?
Praful : “Decide” Hansa … vo Casettee player mein hum casettee nahi dalte usme hota hai na … “A side” — “B side” … toa “C-side” … “D- side” —> “Decide”

Mature
Hansa : Mature matlab ????
praful: jab apna mahesh…chori karte hue pakda gaya tha.. tab usne kya kaha tha ?????

hansa: usne kaha tha.. mujhe chodd do.. “MAIN CHOR NAHI HOON”
main chor …main chor….mature…acha acha….

alphabet
hansa: praful alphabet matlab

praful: alphabet hansa,local train mein safar karte hoye maasi jaise hi koi seat khali dekhti hai to wo apni beti alpha se kya kehti hai?

hansa: alpha beth seat pe,alpha beth,acha toh yeh alphabet

Asset
Hansa : Prafulll “Asset” matlab ???

Praful : Asset Hansaaa ….

Jab hum gaadi mein jaate hai and jab gaadi signal par rukti hai …. taab vo bhikari log aa kar kya bolte hai …
“Aee Seth… thoda paisa do naa” … “Eee Sethh … ” … Asset ..

Depend
Hansa : Yeh Depend kya hota hai Prafful??

Prafful : Depend Hansa… wo Swimming Pool mein ek taraf to paani kam gehra hota hai, aur dusri side zyada gehra… Deep-End.. Depend

TOURNAMENT
HANSA:- ae he he PRAFUL, TOURNAMENT MATLAB
PRAFUL:- TOURNAMENT HANSA!!! YE JO TUMNE JHUMKE PEHNE HAIN, GEHNE PEHNE HAIN INKO ENGLISH ME KYA KEHTE HAIN, BOLO BOLO!!
HANSA:- AAA HAN HAN TOURNAMENT, (HANSA KHUSH)

MELISA:-(CHIDH KAR)ARE USE TOURNAMENT NAHI ORNAMENT KEHTE HAIN
HANSA:- ARE KUCHH BHI MAT BOLLL
EK JHHUMKA — ORNAMENT
DO JHHUMKE — TWO ORNAMENT# #TOURNAMENT
AE PRAFUL!! YE MELISA KO BHI BABUJI KI TARAH KUCHH BHI NAHI ATAA

elastic
Hansa: Praful elastic matlab??
Praful: Elastic Hansa..
apni voh radha ben unki beti ila …
usko jab fracture hua tha to voh kya leke chalti thi??
Hansa : Ila to…
Ila-stick leke …
Ila-stick !! Ila-stick!!!

Money Saving Tips

जब भी हम पहली बार किसी से मिलते है तो

जब भी हम पहली बार किसी से मिलते है तो क्या करते है, बहुत आसान है – जब भी हम
किसी से पहली बार मिलते है तो सबसे पहले हम उसको हेल्लो कहते है और उसके बारे
मैं कुछ पूछते है – की वो कौन है, क्या है, क्या करते है, कहा रहते है, जहा थक
हमे थिक लगता है हम ये सब तो जानने की कोशिश करते ही है, सभी बहुत व्यस्त होते
है अपने वर्क को लेकर और ये सभी के लिए बहुत जरुरी भी है Job is First,

हमने आपको ये मेल इस लिए नही भेजा है की आप इसको रीड करे और डिलीट कर दे, या
रीड ही ना करे| मगर हां अगर इस मेल को रीड करने से आपकी खूबसूरत सी ज़िंदगी मैं
थोडी सी खुशिया आती है या आप खुश होते हो तो समझ लेना की हमारा मेल करने का
मकसद पुरा हुआ, हम इस मेल मैं आप सभी को ये पूछना चाहते है जो कभी ना कभी सभी
के साथ हुआ होगा या होगा….

ज़िंदगी बहुत अनमोल है इसको व्यर्थ नही गबाना चाहिए, और कोशिश करनी चाहिए की हम
भी वो सब करे जो और सभी लोग करते है, – हमेशा खुश रहो और किसी को हर्ट मत
करो, अच्छा थिक है हम आपको कुछ पूछते है थिक है ना जिनका आपको स्वीट सा और
प्यारा सा रेप्ली करना है,
*१.* आप पहली बार ऐसे इन्सान से मिलते हो, जिसके बारे मैं आप पहले से ही सबकुछ
जानते हो तो आप उसको पहली बार मैं कैसे Face करोगे|

*२.* हो सकता है आपके साथ भी ऐसा हो जाए – आप जिस से मिल रहे हो वो आपके बारे
मैं सबकुछ जानता हो और आप को उससे पहली बार बात करने का मोका मिले तो आप उसको
कैसे Face करोगे|

दोनों ही एक जैसे सवाल है, फर्क सिर्फ़ इतना है की इनका मतलब अगर सोचते है तो
इनसे दो अलग – अलग बातें बनती है,

माफ़ी चाहुगा आप सभी से अगर आपको हमारी इस मेल से hurt हुआ हो तो….हां अगर आप
भी अपनी लाइफ की कुछ बातें हमसे शेयर करोगे तो हम कोशिश करेगे की हम आपकी
खूबसूरत सी दुनिया को और हसीन कैसे बनाये ……

आपका हर पल खुशनुमा हो और खूबसूरत हो 🙂

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep
(¨`·.·´¨)¸.·´ Smiling!
`·.¸.·´

यू चुप रहना ठीक नहीं कोई मीठी बात करो,

यू चुप रहना ठीक नहीं कोई मीठी बात करो,

मोर,चकोर,पपीहा,कोयल सबको मात करो..

सावन तो मन-बगिया से बिन बरसे बीत गया ,

रस मैं डूबे नगमे की अब तुम बरसात करो …

हिज्र की एक लम्बी मंजिल को जानेवाला हू अपनी यादो ले

अभी शादी का पहला ही साल था

अभी शादी का पहला ही साल था,
ख़ुशी के मारे बुरा हाल था!
खुशियाँ कुछ यूँ उमड़ रही थीं,
की संभाले नहीं संभल रही थी!!सुबह सुबह मेडम का चाय लेकर आना,
थोडा शर्माते हुए हम नींद से जगाना,
वो प्यार भरा हाथ हमारे बालों में फिराना,
मुस्कुराते हुए कहना की डार्लिंग चाय तो पी लो,
जल्दी से रेडी हो जाओ आपको ऑफिस भी जाना है!!

घरवाली भगवान् का रूप लेकर आयी थी,
दिल और दिमाग दोनों पर छाई थी
सांस भी लेते थे तो नाम उसी का होता था,
एक पल भी जीना दूर दुस्वार होता था!!

५ साल बाद………..

सुबह सुबह मेडम का चाय लेकर आना
टेबल पर रख कर जोर से चिल्लाना,
आज ऑफिस जाओ तो मुन्ना को श्कूल छोड़ते हुए जाना……………

एक बार फिर वोही आवाज आयी,
क्या बात है अभी तक छोड़ी नहीं चारपाई,
अगर मुन्ना लेट हो गया तो देख लेना!!
मुन्ना की टीचर्स को फिर खुद ही संभाल लेना!!

न जाने घरवाली कैसा रूप लेकर आयी थी,
दिल और दिमाग पर काली घटा चाई थी!!
साँस भी लेते तो उन्ही का ख्याल होता,
हर समय जेहान में एक ही सवाल होता!!
क्या कभी वो दिन लौटकर आएगा,
क्या हम एक बार फिर कुवारे बन पाएंगे!

by Aryan

मदिरा पीने की अभिलाषा ही बन जाए जब हाला!!!

मदिरा पीने की अभिलाषा ही बन जाए जब हाला,
अधरों की आतुरता में ही जब आभासित हो प्याला,
बने ध्यान ही करते-करते जब साकी साकार, सखे,
रहे न हाला, प्याला, साकी, तुझे मिलेगी मधुशाला।।९।

सुन, कलकल़ , छलछल़ मधुघट से गिरती प्यालों में हाला,
सुन, रूनझुन रूनझुन चल वितरण करती मधु साकीबाला,
बस आ पहुंचे, दुुर नहीं कुछ, चार कदम अब चलना है,
चहक रहे, सुन, पीनेवाले, महक रही, ले, मधुशाला।।१०।

जलतरंग बजता, जब चुंबन करता प्याले को प्याला,
वीणा झंकृत होती, चलती जब रूनझुन साकीबाला,
डाँट डपट मधुविक्रेता की ध्वनित पखावज करती है,
मधुरव से मधु की मादकता और बढ़ाती मधुशाला।।११।

मेंहदी रंिजत मृदुल हथेली पर माणिक मधु का प्याला,
अंगूरी अवगुंठन डाले स्वर्ण वर्ण साकीबाला,
पाग बैंजनी, जामा नीला डाट डटे पीनेवाले,
इन्द्रधनुष से होड़ लगाती आज रंगीली मधुशाला।।१२।

अपने ही में हूँ मैं साकी

मधुर भावनाओं की सुमधुर नित्य बनाता हूँ हाला,
भरता हूँ इस मधु से अपने अंतर का प्यासा प्याला,
उठा कल्पना के हाथों से स्वयं उसे पी जाता हूँ,
अपने ही में हूँ मैं साकी, पीनेवाला, मधुशाला।।५।

मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवला,
‘किस पथ से जाऊँ?’ असमंजस में है वह भोलाभाला,
अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ –
‘राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।’। ६।

चलने ही चलने में कितना जीवन, हाय, बिता डाला!
‘दूर अभी है’, पर, कहता है हर पथ बतलानेवाला,
हिम्मत है न बढूँ आगे को साहस है न फिरुँ पीछे,
किंकर्तव्यविमूढ़ मुझे कर दूर खड़ी है मधुशाला।।७।

मुख से तू अविरत कहता जा मधु, मदिरा, मादक हाला,
हाथों में अनुभव करता जा एक ललित किल्पत प्याला,
ध्यान किए जा मन में सुमधुर सुखकर, सुंदर साकी का,
और बढ़ा चल, पिथक, न तुझको दूर लगेगी मधुशाला।।८।

मधुशाला, मोहब्बत, शेर-शायरी में प्रकाशित किया गया. टैग: , , , , , , , , , . Leave a Comment »