तुमको देखा तो यह ख़्याल आया की कल रात को मैंने इतना क्यों खाया
तू मेरे दिल में ऐसे समाई है
जैसे बाजरे के खेत में भैंस घुस आई है
तेरी ज़ुल्फ़ें हैं या घाना अँधेरा
कटवा दे बाल , और कर दे सवेरा
जूस पीने का मज़ा कप में नहीं , ग्लास में होता है
ग्रीटिंग कार्ड देने का मज़ा घरवाली को नहीं , साली को होता है
वो लड़ाई ही क्या जिस में दो चार गालियाँ न हो
और वो ससुराल ही क्या जहाँ कोई सालियां न हो
मजनू लैला के बाल पकड़ के बोला
मोया कितने दिन से सर नहीं धोया
जाईये आप कहाँ जायेंगे
हम ख़ुद आपको छोड़ आएंगे
खुश रहे तू सदा यह दुआ है मेरी
तेरी प्रेमिका ही बन जाए भाभी तेरी
हम आपके दिल में रहते है
और भाडा भी नहीं देते है